उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। कई लोग इसे हिन्दी का एक रूप मानते हैं।
उनके अनुसार यह हिन्दी का वो रूप है जिसमें अरबी और फ़ारसी के शब्द बहुत
अधिक हैं, और फ़ारसी-अरबी लिपि में लिखी जाती है। ये मुख्यतः (दक्षिण एशिया
के) मुसल्मानों द्वारा बोली जाती है। इसके अतिरिक्त हिन्दी और उर्दू में
कुछ बहुत अधिक अंतर नहीं है। उर्दू , हिंदी के पश्च्यात उत्तरप्रदेश की
दूसरी राजभाषा है | उर्दू अधिकांशतः नस्तालीक़ लिपि में लिखी जाती है, जो
फ़ारसी-अरबी लिपि का एक रूप है। उर्दू दाएँ से बाएँ लिखी जाती है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में उर्दू को सरकारी कामकाज की दूसरी
भाषा घोषित करने के फैसले पर Sept 2014 को अपनी स्वीकृति की मुहर लगाते हुए
कहा कि इस देश के भाषाई कानून कठोर नहीं बल्कि भाषाई पंथनिरपेक्षता का
लक्ष्य हासिल करने के लिये उदार हैं। संविधान पीठ ने उर्दू को राज्य में
दूसरी सरकारी भाषा का दर्जा देने वाले उत्तर प्रदेश सरकारी भाषा (संशोधन)
कानून 1989 को वैध ठहराया। प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली
पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने उप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन की अपील पर अपनी
व्यवस्था में कहा कि संविधान में ऐसा कुछ नहीं है जो राज्य में हिन्दी के
अतिरिक्त एक या उससे अधिक भाषाओं के इस्तेमाल की घोषणा से राज्य सरकार को
रोकता है।