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यमुना घाट, मथुरा ( उत्तरप्रदेश) |
यमुना जन्मोत्सव: भारतीय संस्कृति के अनुसार नदियों को दैवीय रूप में पूजा जाता है । यमुना नदी का उद्गम स्थान हिमालय के हिमाच्छादित श्रंग बंदरपुच्छ में स्थित कालिंद पर्वत है, जिसके नाम पर यमुना को कालिंदजा अथवा कालिंदी कहा जाता है। यमुना देवी के रूप में पूजित हैं। श्रद्धालु भक्तों द्वारा चैत्र शुक्ल षष्ठी को यमुनाजी का जन्मोत्सव यमुना-जयंती के रूप में मनाया जाता है । ब्रज में श्रद्धालु बड़ी दूर–दूर से आते हैं, ब्रज कृष्ण लीलाओं में कृष्ण–प्रिया यमुना का बड़ा महत्व है।
पुराणों के अनुसार देवी यमुना सूर्यदेव की पुत्री तथा मृत्यु के देवता यमराज इनके अग्रज व शनिदेव इनके अनुज हैं। वैष्णव मतानुसार, यमुना भगवान श्रीकृष्ण की पटरानी हैं। जहां श्री कृष्ण ब्रज संस्कृति के जनक कहे जाते है, वहां यमुना ब्रज संस्कृति की जननी मानी जाती है।
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