उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 17 अगस्त 2017 को उत्तर प्रदेश फसल ऋण मोचन योजना का शुभारम्भ लखनऊ में किया। उन्होंने कहा कि सत्ता में आते ही राज्य सरकार ने अपनी पहली ही बैठक में प्रदेश के किसानों के फसली ऋण माफी का फैसला लिया, जिससे 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों को राहत मिली। इसके लिए उत्तर प्रदेश फसल ऋण मोचन योजना लागू की गयी। यह ऋण माफी किसानों के ऊपर कोई एहसान नहीं है, बल्कि ये उनका हक है। राज्य सरकार किसानों के हक में अनेक निर्णय ले रही है, जिनका लाभ किसानों को मिल रहा है। ऋण माफी का फैसला किसानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ज्ञातव्य है कि कार्यक्रम के दौरान लखनऊ जनपद के 7,574 किसानों को लाभान्वित किया गया। पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर इस योजना के तहत पात्र किसानों को लाभान्वित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने फसल ऋण मोचन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इसके तहत राज्य सरकार द्वारा लघु एवं सीमान्त किसानों द्वारा 31 मार्च, 2016 तक लिए गये फसली ऋण में 2016-17 में जमा की गयी धनराशि को घटाते हुए 31 मार्च, 2017 तक बकाया धनराशि का एक लाख रुपये की सीमा तक ऋण मोचन करने का फैसला लिया गया है। इस निर्णय के फलस्वरूप 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसान लाभान्वित होंगे। इससे प्रदेश सरकार पर 36 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय भार आया है, जिसकी भरपाई राज्य सरकार द्वारा वित्तीय अनुशासन कायम रखते हुए की गयी है। योगी जी ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से किसानों की आर्थिक स्थ्तिि में सुधार होगा और उनके क्रय शक्ति में बढ़ोत्तरी होने से पूरे प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस योजना के तहत प्रथम चरण में ऐसे किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है, जिनके ऋण खाते आधार कार्ड से जुड़ चुके हैं। इसके पश्चात जो पात्र किसान शेष बचेंगे उनको दूसरे व तीसरे चरण में लाभान्वित किया जाएगा। किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा सम्बन्धित बैंकों को इस योजना से आच्छादित किसानों को नोटिस न देने और उनके विरुद्ध कार्रवाई न करने का अनुरोध पहले ही किया जा चुका है।
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