दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन कुंभ मेले को संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने “अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर” (‘Intangible Cultural Heritage’) की श्रेणी में शामिल करने की घोषणा की। इससे पूर्व यूनेस्को 1 दिसम्बर 2016 को “योग” (Yoga) और “नवरोज” (‘Norouz’) को इस श्रेणी में शामिल कर चुका है तथा कुंभ मेला इस श्रेणी में शामिल भारत का तीसरा आयोजन हो गया है। कुंभ मेले का आयोजन हरिद्वार, इलाहाबाद, उज्जैन और नासिक में होता है। यह घोषणा यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण पर गठित अंतर-सरकारी समिति ने अपने 12वें सत्र में की जिसका आयोजन 4 से 9 दिसम्बर के बीच दक्षिण कोरिया के शहर जेजू (Jeju) में किया गया।
ज्ञातव्य है कि कुम्भ मेला विश्व का ऐसा सबसे बड़ा आयोजन है, जहां बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होकर शान्तिपूर्ण ढंग से धार्मिक परम्पराओं का पालन करते हैं। यह आयोजन इलाहाबाद, नासिक, उज्जैन तथा हरिद्वार में होते हैं। यूनेस्को ने कुम्भ मेले को सांस्कृतिक अनेकता का आयोजन माना है, जिसमें लोग आपस में ज्ञान तथा कौशल का आदान-प्रदान पाण्डुलिपियों तथा श्रुतियों के माध्यम से करते हैं।
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